जब भी हम किस्सी से बात करते है तो हम किस्सी चीज़ के अच्छे या बुरे होने के बात करती है. बात करते करते हम यह भूल जाते है के अगर में कहूं की "वह चीज़ अच्छी नही है" इसका मतलब यह है की "वह वस्तु मुघे पसंद नही है." तो यहा वस्तु के साथ साथ, आदमी की उस वस्तु के लिए सोच भी सामने आ रही है. पर हम सोच को भूल जाते है और सीधे ही वस्तु को बुरा या अच्छा मानने लगते हैं.
अगर कोई कहता है मुघे यह फ़िल्म अच्छी नही लगी तो हम सीधे हे फ़िल्म को बुरा मान लेते है. और यह भूल जाते है की कहने वाले को कैसे फ़िल्म पसंद है
Meet Dr. Dan Amzallag, PhD, C.B.T, M.B.A, C.L.C, NLP — A Results-Driven
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3 hours ago
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